नई पीढ़ी रास्ते से न भटके इसके लिए उसका संस्कारवान होना जरूरी है। इसी मकसद को लेकर मधुरिमा संस्कार पाठशाला की शुरुआत की गई है। जनजातीय वर्ग के बच्चों को इस पाठशाला के जरिए महापुरुषों की जीवनी से अवगत कराया जाता है, उन्हें स्वच्छता का पाठ पढ़ाया जाता है, और योग की भी शिक्षा दी जाती है ।